जहाँ यादों के झरोखों पे मिट्टी नहीं होगी रोज़ धूप की तरह बिखरेंगे सुनहरे पल जहाँ बिन बताए मैं जो स... जहाँ यादों के झरोखों पे मिट्टी नहीं होगी रोज़ धूप की तरह बिखरेंगे सुनहरे पल जह...
मैं और तुम जैसे.. सुर और साज. मैं और तुम जैसे.. सुर और साज.
फ़्रिक में हर किसी की , चिन्ता में काली पड़ी एक जोड़ी आँखे। फ़्रिक में हर किसी की , चिन्ता में काली पड़ी एक जोड़ी आँखे।
फिर धकेला जाता है जीव जीने के लिए यहां से वहाँ दो दरवाजे पर। फिर धकेला जाता है जीव जीने के लिए यहां से वहाँ दो दरवाजे पर।
हर जग भी छोटा हो जाता है जब छाया में तुम्हारी आता हूं हर जग भी छोटा हो जाता है जब छाया में तुम्हारी आता हूं
दो बूँद दो बूँद